तर्ज,पकड़ लो हाथ बनवारी
ये दुनिया वाले क्या जाने, मेरा आधार लखदातार।
मेरा आधार लखदातार,मेरा आधार लखदातार,मेरा आधार लखदातार।
नहीं मुझको कोई दरकार, मेरा आधार लखदातार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ये दुनिया वाले क्या जाने,मेरा आधार लखदातार।
नहीं आशा मुझे जग से, नहीं कोई सिफारिश है।
तुम आ जाओ मेरे दिल में, बस ईतनी सी गुज़ारिश है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
समझ जायेगी दुनिया भी, मेरा आधार लखदातार।ये दुनिया वाले क्या जाने,मेरा आधार लखदातार।
आभारी हूँ मैं उनका भी, जिन्होंने मारी थी ठोकर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मिला हूँ आज मैं खुद से, जगत की भीड़ में खोकर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कहूं अब तान कर सीना, मेरा आधार लखदातार।
ये दुनिया वाले क्या जाने,मेरा आधार लखदातार।
नहीं चिंता ना कोई डर, सांवरा साथ जब मेरे।
मुसीबत आ नहीं सकती, है इनका हाथ सिर मेरे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
गाये अब झूमकर मेरा मन,मेरा आधार लखदातार।
ये दुनिया वाले क्या जाने,मेरा आधार लखदातार।