हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
Tag: Apne guru se kya mangu
आ मन बैठ जरा गुरु जी के चरणों में
मैं तो अरज करू गुरु थाने,
चरणा में राखजो माने,
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मारा मनवा जीवडलो हिलोरा खाय,
आज गुरु आविया रे,
मारा हिवड़ा में उठी रे हिलोर।।
मन चल रे गुरु के धाम हरी हरी गायेगे
बाटन आली मने भी दिए,के लैरी से थाली में।
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै
सतगुरु ने आन जगाई है सखि,भरम भूल में सौवे थी।
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