तर्ज,मेरी प्यारी बहनिया
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।
सावरे ने सर पर सजाई देखो डलिया। बगल छुपा लेई अपनी मुरलिया।🌺🌺🌺🌺
कैसा सुन्दर रूप श्याम का, नैन में कजरा डाला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कोई है चूड़ी लेने वाला, कोई है चूड़ी लेने वाला।
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।
गलीन गलीन में आवाज वह लगाते हैं। मुरली की धुन पर गोपियां नचाते है।कैसा सुन्दर रूप श्याम का,जैसे कोई बृजबाला।कोई है चूड़ी लेने वाला, कोई है चूड़ी लेने वाला।
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।
कहो तो कौन रंग, चूड़ियां पहनाई दूं। हरी नीली पीली या कालिया पहनाए दूं।🌺🌺हरी नाही पहनूं चूड़ी लाल नहीं पहनूं।🌺🌺मुझे श्याम रंग है भाया।कोई है चूड़ी लेने वाला, कोई है चूड़ी लेने वाला।
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।कोई है चूड़ी लेनेवाला।