जहां बिराजे शीश का दानी,मेरा लखदातार।चलो रे खाटू के दरबार।
शरण बाबा की आ जाओ,जो चाहो वो सबकुछ पाओ।चरण में शीश नवा जाओ।दया बाबा की पा जाओ।कलयुग का है देव निराला,भर देगा भंडार।चलो रे खाटू के दरबार।चलो रे खाटू के दरबार।
जहां बिराजे शीश का दानी,मेरा लखदातार।चलो रे खाटू के दरबार।
वहां हारे का सहारा है,सांवरा सेठ हमारा है।डूबते हुवे को उबारा है। खिवैया वही हमारा है।हिचकोले खाती नैया को,कर दे परली पार।चलो रे खाटू के दरबार।चलो रे खाटू के दरबार।
जहां बिराजे शीश का दानी,मेरा लखदातार।चलो रे खाटू के दरबार।