तर्ज,परदेसिया
ओ भोले आ, ओ शंकरा,तेरा घोटा लगाकर,में मगन हो गई।हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।
हाथों में लोटा है, लोटे में जल है।हाथों में लोटा है, लोटे में जल है।ओ भोले आ, ओ शंकरा,तुझे स्नान कराके,में मगन हो गई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।
हाथों में खोली है,खोली में रोली है।अरे हाथों में खोली है,खोली में रोली है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺ओ भोले आ, ओ शंकरा,तुझे तिलक लगाकर,में मगन हो गई।हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।
हाथों में डाली है,डाली में फूल है।अरे हाथों में डाली है,डाली में फूल।ओ भोले आ, ओ शंकरा,तुझे हार पहनाकर,में मगन हो गई।🌺🌺हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।
हाथों में थाली है,थाली में भोजन है।अरे हाथों में थाली है,थाली में भोजन।ओ भोले आ, ओ शंकरा,तुझे भोग लगाकर,में मगन हो गई।🌺🌺हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।
साथ में गोरा है,गोद में गणपत है।अरे साथ में गोरा है,गोद में गणपत। ओ भोले आ, ओ शंकरा,तेरा दर्शन पाकर,में मगन हो गई।🌺🌺हो तेरे घोटे को पीकर,में मगन हो गई।