दुःख में मत घबराना पंछी,ये जग दुःख का मेला है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चाहे भीड़ भरी अंबर पर, उड़ना तुझे अकेला है।
नन्हे कोमल पंख है तेरे, और गगन की यह दूरी। बैठ गया तो कैसे होगी,मन की अभिलाषा पूरी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 उसका नाम अमर है जग में, जिसने संकट खेला है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चाहे भीड़ भरी अंबर पर, उड़ना तुझे अकेला है।
चतुर शिकारी ने रखा है, जाल बिछाकर पग पग पर। फंस मत जाना भूल कर पगले, पछतायेगा जीवन भर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मोह माया में तू मत फंसना, बड़े समझ का खेला है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चाहे भीड़ भरी अंबर पर, उड़ना तुझे अकेला है।
जब तक सूरज आसमान पर, बढ़ता चल तु बढ़ता चल। घीर जाएगा अंधकार जब, बड़ा कठिन होगा पल पल।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 किसे पता है उड़ जाने की, आ जाती कब बेला है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चाहे भीड़ भरी अंबर पर, उड़ना तुझे अकेला है।
दुःख में मत घबराना पंछी,ये जग दुःख का मेला है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चाहे भीड़ भरी अंबर पर, उड़ना तुझे अकेला है।