नही बजता ये डमरू,भांग बिना नहीं बजता।
Tag: शिव तांडव स्त्रोतम shiv tandav strotam
भोला जाए बसे काशी में, गिरिजा महारानी के संग
गोरा रानी ने जपी कैसी माला,मिला है डमरू वाला।
एक जोगी आया रे तेरे द्वार, करे है पुकार,दिखा दे मुख लाल का
सिर गंगा की धार,गले सर्पों के हार महादेवा
बोलिए जी अंखियां खोलिए।
महादेव चुनरिया ला दो ना।
उमापती रखियो मेरी लाज
भोला शंकर जी बनकर के जोगी, मां यशोदा के द्वारे खड़े हैं।
आज गोकुल नगर आया गिरिजा का वर,डाले झोला।
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