राखी में बांधूंगी मोहन,हाथ तुम्हारे आज
Tag: गोपी गीत
मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का
नाम है तेरा तारणहारा,कब तेरा दर्शन होगा।
झूला तो पड़ग्या कान्हा, रे अमूवा की डारी
झूलन लागे बनवारी,झूलन लागे।
आया सावन बड़ा मनभावन,रिमझिम सी पड़े फुहार
डोर कदम की डार बंधवाये, झूला राधा को श्याम झूलाये
अधरं मधुरं वदनं मधुरं,नयनं मधुरं हसीतं मधुरं