ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।
Category: ekadhshi भजन
ग्यारस को दिन आयो, बलम मोहे मंदिर तो जाने दे।
बहु भोजन ना करूं मैं आज, आज मेरे ग्यारस है।
मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।
एकादशी सब व्रतों में बड़ी है
ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।
ग्यारस को दिन आयो, बलम मोहे मंदिर तो जाने दे।
बहु भोजन ना करूं मैं आज, आज मेरे ग्यारस है।
मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।
एकादशी सब व्रतों में बड़ी है