सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया
Category: गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics
ये संतो का प्रेम नगर है, यहाँ सँभल कर आना जी
जाटनी मत ना कर तकरार, मने सत्संग में जाना से।
पहले करो रे गुरु को प्रणाम, गुरु के बिना ज्ञान नहीं।
कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा
गुरूदेव की कुटिया को, मैंने फूलो से सजाया है।
सत्संग में बहनों आया करो,संग में सखियों को लाया करो।
गुरुजी ने किया उपकार नवाओ शीश चरणन में
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।
मात पिता गुरु प्रभु चरणों में प्रणवत बारंबार
You must be logged in to post a comment.