तर्ज,देखो म्हारो श्याम कैसो
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
मारे खुशी के माता,फूली ना समाती।लेती है गोद कभी,झूले में झूलाती।२।🌺🌺🌺🌺आज इनके भाग्य की,करे सब सराहना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
अपने लोक छोड़ सभी,धरती पे पधारे। ऋषियों की कुटिया में,कर रहे गुजारे।२।🌺मगन हैं तीनों देव,पूछो कोई हाल ना।🌺🌺तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
कोई गरुड़ पाल कोई,सृष्टि के रचैया।कोई बैठे नंदी पे,डमरू के बजैया।२।🌺🌺🌺रो रोकर फुलाये लिए,अपने अपने गालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
नभ पे विमान चढ़े,देवता निहारे।बाल रूप देखकर,नमन नीर डारे।२।🌺🌺🌺🌺🌺फंस गए तीनों कोई,पूछे इनका हाल ना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
मेरे घर आए मुझे,देने पढ़ाई।भूल गए आज अपनी सारी चतुराई। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺भारत की देवियों से,आज हूवा सामना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
तीन देवी दुखी होकर,कुटिया पधारी।माता हमें पति दे दो,विनती हमारी।🌺🌺🌺🌺तीन पुत्र तीन वधू,आए मेरे आंगना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।
माता अनसूया ने डाल दियो पालना।तीन देव झूल रहे,बनकर के लालना।