निर्धन रो धन गिरधारी,निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ए निर्धन रो धन गिरधारी,निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।
दुर्बल जात सुदामा कहिजे,पूछत है उनकी नारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हरी सरीके मित्र तुम्हारे,अजहुन गयी दुविधा थारी ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।
तिरीया जात समझ की ओछी,क्या सुमती गई है मारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कर्मो मे दरिद्र लिखीयो है,क्या करे मेरो गिरधारी ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।
दो दो पेड कदम के तारे,तार गई गौतम नारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
विश्वामित्र को यज्ञ सफल कर,आप बने हरी अवतारी ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।
एक विश्वास राख एक धारा,प्रभु को पुरण गिरधारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
दास सुदामा राख भरोसो,कंचन महल हुआ क्यारी ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।
निर्धन रो धन गिरधारी,निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ए निर्धन रो धन गिरधारी,
निर्धन रो धन साचो रे सांवरा।