घर रह जाओ जनकदुलारी, वहां वन में दुख अति भारी।
Tag: kumar maine dekhe
सुंदर सखी दो कुमार, कुमार मैंने देखे।
बारी सी उमरिया औ धानी सी चुनरिया
घर रह जाओ जनकदुलारी, वहां वन में दुख अति भारी।
सुंदर सखी दो कुमार, कुमार मैंने देखे।
बारी सी उमरिया औ धानी सी चुनरिया