कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।
हे गोपाल नंदलाल,गोपाल नंदलाल।गोपाल नंदलाल, हे गोपाल नंदलाल।
वो बदन मयंक वारो,मोहे धनुवंक वारो।वो टेढ़ी सी लंक वारो,रूप उजियारो है।🌹🌹वो लोचन विशाल वारो,गल मणि माल वारो,वो मस्त गज चाल वारो,जग से नियारो है।
कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल,कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।
वो पीत पट पेट वारो,मधुभरी सेंट वारो,वो लाल बलबीर प्यारो,करत नटारयों है।🌹🌹वो मोर की मुकुट वारो,टेढ़ी सी लुकुट वारो,वो टेढ़ी टांग वारो कृष्ण देवता हमारो है। वो टेढ़ी टांग वारो कृष्ण,साहिब हमारो है।
कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल,कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।
भजूं तो गोपाल एक, सेवूं तो गोपाल एक,मेरो मन लागयो सब भांति नंदलाल सूं।मेरे देवी देव गुरु मात पिता बंधु इस्ट, मित्र सखा नाता,सब एक गोपाल सूं।🌹🌹🌹 हरिश्चंद्र और सो ना कुछ संबंध मेंरो,हो आश्रय सदा,एक लोचन विशाल सूं।🌹🌹जो मांगू तो गोपाल सूं ना मांगू तो गोपाल सूं,जो रिझूं तो गोपाल सूं,खिझुं तो गोपाल सूं।
कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल,कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।
मेरा श्याम मयंक मन,हो चुका है।वो जान हो चुका है, जिगर हो चुका है।🌹🌹🌹🌹🌹ये सच मानिए उसकी हर एक अदा पर, जो भी पास था सब नजर हो चुका है।
कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल,कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल।