नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मेरा गोविन्द रखवाला।मैं नाचूँ प्रेम में उसके,
नचाए बाँसुरी वाला।
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।
चढ़ा मुझपे नशा ऐसा,की अब बेहोशी छाई है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
की अब बेहोशी छाई है।
कहा किसने सुना किसने,ये जाने बाँसुरी वाला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।
कदम अब रुक नहीं पाते,की मैं गिरता ही जाता हूँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
की मैं गिरता ही जाता हूँ,
नहीं सुध अब सम्भलने की,संभाले बाँसुरी वाला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।
है दिल में ज़ख्म जितने भी,वो अब दुखते ना जलते हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
वो अब दुखते ना जलते हैं।
मेरे घावों पे अब मरहम,लगाए बाँसुरी वाला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।
मेरी तो अब ये तमन्ना है,की मैं उसमे ही खो जाऊँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
की मैं उसमे ही खो जाऊँ।
मैं लेटूँ गोद में उसकी,सुलाए बाँसुरी वाला।
नहीं परवाह जमाने की,मेरा गोविन्द रखवाला।