सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूँ,
Tag: Hamri shyama ki kon kare hod
रोती हुयी आँखों को
मेरे श्याम हंसाते हैं
अब श्याम हो गया मेरा छूटा दुनिया का ढेरा
हमरी श्यामा की कौन करे होड़,
सुनो रे प्यारे नंद रसिया।
श्यामा श्याम सलौनी सूरत का सिंगार बसन्तीहै।