सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूँ,
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो खताएं, उन्हें मानता हूं।
ग़लती के पुतले, इंसान है हम,
भले है बुरे है, तेरी संतान है हम,
दया के हो सागर, मै जानता हूँ,
हुई जो खताएं, उन्हें मानता हूं,
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूं।
कश्ती को मेरी, साहिल नहीं है,
तुम्हारे चरण के हम, काबिल नहीं है,
काबिल बनाओगे, ये मानता हूँ,
हुई जो खताएं, उन्हें मानता हूं,
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूँ।
दास की ग़लती को, दिल पे ना लेना।
सजा जो भी चाहों श्याम, हमें तुम देना,
करुणा निधि हो तुम, पहचानता हूँ,
हुई जो खताएं, उन्हें मानता हूं,
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूँ।
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो ख़ताएँ, उन्हें मानता हूँ,
सुनो श्याम सुन्दर, क्षमा माँगता हूँ,
हुई जो खताएं, उन्हें मानता हूं।