भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी। भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकता क्यों है मोह माया में, ये काया तेरी आनी जानी,
भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी। भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकना तेरा भक्ति पथ से, तुझे प्रभु किरपा की है हानी।
भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी। भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकने वाले दुख पाते हैं, अगर जीवन में हो नादानी,
भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी। भटकता डोले काहे प्राणी,
करो नित प्रभु का सुमिरन रहे तेरे जीवन में खुशहाली।
भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी। भटकता डोले काहे प्राणी,
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भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी।