अरे ओरे छोरा नंद जी का
फागुन में फाग खिला जा रे ।
Tag: Badi der bhayi nandlala
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।
डाली पे डाली पे झूले,डाली पे डाली
अकेली गई थी व्रज में,कोई नहीं था मेरे मन में,मोरपंख वाला मिल गया
ओ कान्हा कारे रस्ता मेरा छोड़ रे
मेरे सिर पे गागर भारी
उतारो ना बनवारी