अकेली गई थी व्रज में,कोई नहीं था मेरे मन में,मोरपंख वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
नींद चुराई बंसी बजाके,चैन चुराया सैन लगाके।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹लगी आस मेरे मन में,गई थी में वृंदावन में।बंसी वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
अकेली गई थी व्रज में,कोई नहीं था मेरे मन में,मोरपंख वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
उसी ने बुलाया,उसी ने रुलाया।२।ऐसा सलोना श्याम मेरे मन भाया।🌹🌹🌹🌹टेढ़ी उनकी चाल देखी,टेढ़ा मुकुट भी देखा।२।टेढ़ी टांग वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
अकेली गई थी व्रज में,कोई नहीं था मेरे मन में,मोरपंख वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
बांके बिहारी तुझे,हृदय में बसाऊं।तेरे बिना श्याम सुंदर,कहां चैन पाऊं।२।🌹🌹🌹🌹लगन लगी तन मन में,ढूंढ रही में निधि वन में।झब्बे वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।
अकेली गई थी व्रज में,कोई नहीं था मेरे मन में,मोरपंख वाला मिल गया।मोरपंख वाला मिल गया।