कैसी बारात शिव की है आई,ना ही ब्राह्मण है ना कोई नाई।
Category: शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics
मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी।
डमरु बजाए अंग भस्मी रमाए और ध्यान लगाए किसका
भोला भंग तिहारी, नित घोटत घोटत हारी।
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा
चली कांवडीयों की टोली, खाकर भंगिया की गोली
धन-धन भोलेनाथ बांट दिए,तीनो लोक को पल भर में।
हम ना रहिबे तोहार घर में बाबा
चालो ये सखियां चाला, हिमाचल के द्वारे राज
लेकर गोरा जी को साथ, भोले भाले भोलेनाथ,
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