आ लौट के आजा भोलेनाथ,तुझे माँ गौरा बुलाती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
अंगो पे विभूति गले में माला, पहने है शंकर भोला।
तुम हो सबका पालन हार, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ ,🌺🌺🌺🌺🌺
तुझे माँ गौरा बुलाती है ।
माथे पे चंदा जटा में गंगा, जटा से बहती धारा।
सबका करता तू बेडा पार, तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
हाथो में डमरू पास में त्रिशूल, नंदी पे करता सवारी।
सबका तू है पालनहार ,तुझे माँ गौरा बुलाती है।
आ लौट के आजा भोलेनाथ,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुझे माँ गौरा बुलाती है।
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आ लौट के आजा भोलेनाथ,तुझे माँ गौरा बुलाती है।