कलालण एसो प्यालो पाय
Category: विविध भजन
उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।
ऐसी प्रीत लगी गिरधर से ज्यों सोने में सुहागा रे
कोई कछु कहे मन लाग्या रे।
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Sawariya pyara aajyo medatni re Desh,
सांवरिया प्यारा,मनमोहन प्यारे आज्यो मेड़तणी रे देश।
गयारस सुनी अवधू
अमावस सुनी रे
अब दिन दया कर, मूझको उबारो
आसा छोड़ दे रे बंदे ,
हाथों हाथ मिले रे पर्चा,
और दुख्ङा सब भूल गई म्हारी हेली, राम रत् धन लाग।
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Aaj jogan ban jaungi,आज जोगन बन जउंगी
आज जोगन बन जउंगी
अनहोनी होती नहीं,
तू क्यों हुआ उदास ।
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