Categories
विविध भजन

Udhoji Karman ki gati nyari,उधोजी कर्मन की गति न्यारी

उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।

उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।



ताल तलैय्या मीठा जल है, समदर कर दिया खारी ।
सुंदर रूप दियो बगुले को, कोयल कर दीन्ही कारी,उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।



नागर बेल फले नाही फुले, काचर बेल हजारी ।
चात्रक नार पुत्र बिन तरसे, फूहड़ जण जण हारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।



वेश्या ओढ़े शाल दुशाला, पतिव्रता फिरत उघाड़ी ।
मूरख राजा राज करत है, पंडित फिरत भिखारी ।।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।



छोटे छोटे नैण दिए हाथी को, रण में रहत अगाडी ।
बड़े बड़े नैण दिए मिरगे को, बन बन फिरत उजारि।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।



हमको जोग, भोग कुबजा को, नित रहत दुखारी ।
कहत कबीर सुणो भई साधो, भावी दरत न टारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।उधोजी कर्मन की गति न्यारी ।

Leave a comment