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विविध भजन

Ab din Daya kar mujhko ubaro,अब दिन दया कर मूझको उबारो

अब दिन दया कर, मूझको उबारो

अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।



मै तो जाण बङाई थारै शरणी आयो,भव सागरिए में, मै बहोत दुख पायो।
अब किरपा करो नी, गुरू मुझको उबारो।। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।



अब मेरा है कसूर मै कब तक गाऊँ,जै गाऊँ तो गुरू जी बहोत शरमाऊँ।।
अब किन्यो गुनाह,मै अन्नतं अपारो।। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।



म्हाने पोला पंथ में खुब फसायो,आत्म तत म्हाने,कण ना लखायो।है जी जिन जिन पकङयो,मारयो ही मारयो।। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।



किरपा करो है जी देव गोसांई,हाथ पकङ म्हाने छोडो नाहीं।अरे जै छोडो तो भव से पारो।। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।।



मान कहै सुण ओ अन्तरयामी,आप समान मोहे कर लियो स्वामी।
है जी ब्रह्म मिलाय,मैरो भरम निवारो।। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो। अब दिन दया कर, मूझको उबारो। माफ करो गुरू जी,मै दास तिहारो।

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