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विविध भजन

Aisi preet lagi girdhar se jyo sone me suhaga re,ऐसी प्रीत लगी गिरधर से ज्यों सोने में सुहागा रेकोई कछु कहे मन लाग्या रे

ऐसी प्रीत लगी गिरधर से ज्यों सोने में सुहागा रे
कोई कछु कहे मन लाग्या रे।