Categories
विविध भजन

Gyaras suni avdhu amaawas suni re,गयारस सुनी अवधूअमावस सुनी रे

गयारस सुनी अवधू
अमावस सुनी रे

गयारस सुनी अवधू
अमावस सुनी रे ,सूना बारां मंगल चारा,
पढियोड़ा पंडित अवधू
गुण बिन सूना ,
सूना बांका दस दरवाजा ।



कुन से कमल में अवधू सास में सांस,
कुन से कमल में जिव का बासा हो ,
कुनसे महल जोगण भोगन
कुन रे सेज्या घर वासा।



नाभ कमल में अवधू,
सांस में सांसा,
ह्रदय मंडल में जिव का वासा हो,,,
इंडा पिंगला जोगण भोगण,
सुखमन सेज्या घर वासा।



खड़ी खड़ी मया ,गोरख नाथ पुकारे रे,मूल मत हारो मेरा भइया ओ,
ऊँची ऊँची वाणी गुरु मेरा गोरख बोल्या,
जन्म सुधारो मेरा भइया ओ,



बोलत ,बारह अवधू चलत अठारह ,
सोवत तिस बतीसा हो,
मंथन करन्ता अवधू चोष्ठ कटे रे,
कद तो भजोला जगदीशा ,

खड़ी खड़ी सन्ध्या में सोणा अवधू ग,मध्या जागना ,त्रिकाली में देना पहरा,
आ तिना में अवधू चूक
पड़ेली ,लग ज्यागा जमड़ा का फेरा रे ।



टके भर खाना अवधू
बांये अंग लेटना,ब साधुडा कहे जी पूरा ओ,
शरण मछँदर जति गोरख बोल्या,रे,
वा घर पूग्या हरि मिलणो होव ,,
खड़ी 2 भइया गोरख ,नाथ पुकारे,

Leave a comment