किया ना तूने हरि से प्यार,
सारा जीवन दिया यूंही गुजार,
Category: विविध भजन
मेट देती दवा दर्द तलवार का, घाव बोली का फिर भी ना भरता कभी,
राम नाम रो डंको बाजे, हरि नाम री वीणा रे,
देखें नैना हर पल तुमको,
ऐसी इनमें ज्योति लिख दो,
जन्म लिया जग में आई हरी पाने के लिए,
कोई लाख करे कितना जतन रे, होनी सदा ही होवे,
रे नर तूने कबहु ना कृष्ण कहो,
बोले बोले रे राम चिरैया रे .
जग का करतार वो, सब का भरतार वो, तू उसे भूल जाने की, कोशिश ना कर,
ईश्वर तेरे दरबार की, महिमा अपार है,
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