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विविध भजन

Janam liya jag me aayi hari pane ke liye,जन्म लिया जग में आई हरी पाने के लिए,

जन्म लिया जग में आई हरी पाने के लिए,

जन्म लिया जग में आई हरी पाने के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



पांच साल की मैं पढ़ने बैठाई,
पांच साल की मैं पढ़ने बैठाई ज्ञान के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



सोलह साल मैंने बहुत कमाया,
सोलह साल मैंने बहुत कमाया बाबुल के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



बीस साल की का ब्याह कर आया,
बीस साल की का ब्याह कर आया साजन के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



बाबुल ने डोली में बिठाई,
बाबुल ने डोली में बिठाई ससुराल के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



सास ननंद मेरी ताने मारे,
सास ननंद मेरी ताने मारे दहेज के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



लिख चिठियां बाबुल को भेजी,
लिख चिठियां बाबुल को भेजी दुख बांटने के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



बाबुल रे कोई जतन बताइए,
बाबुल रे कोई जतन बताइए मरने के लिए
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….



बेटी री तु हरि नाम रट मुक्ति के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए…..

जन्म लिया जग में आई हरी पाने के लिए,
मैंने जीवन अर्पण कर दिया घनश्याम के लिए….

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