तर्ज – मैं तेरे इश्क़ में
जग का करतार वो, सब का भरतार वो, तू उसे भूल जाने की, कोशिश ना कर, रात सोते हुए, सुबह होते हुए, मन सदा याद रखने, की कोशिश तो कर, जग का करतार वों, सब का भरतार वो।
वो ही निर्माण करता जहाँ का, प्रभु अजब कारीगर है यहाँ का, दिल में अचरज हुआ ये जानकर,
अन्न दाता है वो, जग विधाता है वो, तू उसे भूल जाने की, कोशिश ना कर, जग का करतार वों, सब का भरतार वो, तू उसे भूल जाने की,
जग का करतार वों, सब का भरतार वो, तू उसे भूल जाने की, कोशिश ना कर।
कुछ तो अहसास कर तू ऐ राही, चार दिन जिंदगी अंत जाहि, करले तू अब भजन, मिला मानव का तन, जो भी आए यहाँ, वो गए है वहां, तू गलत राह जाने की, कोशिश ना कर,
जग का करतार वो, सब का भरतार वो, तू उसे भूल जाने की, कोशिश ना कर, रात सोते हुए, सुबह होते हुए, मन सदा याद रखने, की कोशिश तो कर, जग का करतार वों, सब का भरतार वो।