तर्ज,किसने देखा ऊसको लेकिन मन में ये विश्वास है
माना में मजबूर हूं लेकिन,श्याम मेरा मजबूर नहीं।माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
खाटू जाऊं या ना जाऊं,संग संग मेरे चलता है।इनकी किरपा के बिन मेरा,पत्ता भी ना हिलता है।बनाई मेरी पहचान ये बाबा,इस से बड़ा गुरुर नहीं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
माना में मजबूर हूं लेकिन,श्याम मेरा मजबूर नहीं।माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
हर मुश्किल में हर संकट में यह एहसास कराता है। मेरी गोद में बैठा है तूं काहे को घबराता है। गिरते हुए को और गिराना यह इनका दस्तूर नहीं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
माना में मजबूर हूं लेकिन,श्याम मेरा मजबूर नहीं।माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
श्याम सहारा श्याम गुजारा श्याम ही पालन करता।मेरे जीवन का तो बाबा तू ही है कर्ता धरता।जबतक जिऊं तेरेबनाम का उतरे कभी गुरुर नहीं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।
माना में मजबूर हूं लेकिन,श्याम मेरा मजबूर नहीं।माना खाटू दूर है लेकिन,खाटू वाला दूर नहीं।