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Amrit baras raho satsang me,अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया,guru bhajan

अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया।

अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया।

ये अमृत मीरा ने पी लयो, है गई बाबरिया
जहर पचाने सतगुरू आ गए, बन के सावरिया।
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया

ये अमृत अर्जुन ने पी लायो, है गयो बाबरिया
ज्ञान सुनाने सतगुरु आ गए, बन के सांवरिया।
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया।

ये अमृत नरसी ने पीलो, है गयो बाबरिया
भात भरने सतगुरु आ गए, बन के सावरिया
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया।

ये अमृत द्रौपदी ने पी लयाे, है गई बाबरीया
चीर बढ़ाने सतगुरु आ गए, बन के सांवरिया।
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया।

ये अमृत हरिश्चंद ने पीलो, है गयो बाबरिया।
गढ़ उचाने सतगुरु आ गए, बन के सवारियां
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया।

ये अमृत प्रहलाद ने पीलो, है गयो बाबरिया।
प्राण बचाने सतगुरु आ गए, बन के सांवरिया।
अमृत बरस रहो सत्संग में, अरे मन पी लेे बाबरिया।

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