मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में।
Tag: Agar dena kishori ju
ना देनो तो ना कर दे, क्यों नाच नचावे रे,
अगर श्यामा जु ना होती,
तो हम जैसो का क्या होता,
मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
मेरी छोटी सी किशोरी,
बड़ी प्यारी लागे,
अगर देना किशोरी जू
मुझे इतनी दुआए देना।