कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला, में तो कहूं सांवरिया बांसुरिया वाला
चरणों का थारे दादी बन के पुजारी
कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है
म्हारी सुध लिज्यो महाराज गजानंद गोरी के नंदा
बजरंग बली तेरा हम दर्श कहां पाएं
हनुमत धोरा चलो री सगला छोरा
हे गिरधर गोपाल लाल तूं आजा मेरे अंगना
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार
धोए धोए आंगनिया में आओ म्हारा बालाजी
बोल बोल कागा मेरे राम कब आयेंगे
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