राम न भज्या सु रामजी रिझेला,
आ दुनिया रिझेली मीठी बता सूं,
Category: विविध भजन
एरी मेरे रथ ने मत ना रोकियो,ना रोकियो, मैं स्वर्ग लोक को जाऊं।
होई जाओ संत सुधारो थांरी काया जी
थोड़ी सी और पिला दे
पीते पीते मैं पागल हुआ।
मगरे रे मगरे मोर बोले,
वठे भोला नाथ रो धाम रे,
संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी,
नाम रो दीवानो ज्यांरो ,
कोई क्या करे रे ।
नज़र सुधारे नज़र बिगाड़े,
नजर की बात बताती हूँ,
राम राम राम राम होरी सत्संग में। ऐसी वैसी बात ना आवे मेरे मन में
थारो हरियो बाग़ बन जाई रे, ज्यरो अजब बाग़ बन जाए रे भव भव रा फुल खिले
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