मेरा मन पापी, मेरा मन कपटी, कभी भजे ना हरी का नाम रे।कैसे समझाऊं सांवरिया।
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
दुनिया बनाने वाले, वाह रे तेरी माया। तेरा, पार कोई ना पाया।
माटी री आ काया थारी माटी में मिल जावेली
ढल जायेगी उमर धीरे धीरे
अति कभी ना करना प्यारे इति तेरी हो जायेगी
एक ना एक दिन तो ये होगा मौत आकर के लोरी सुनाए
जैसी तेरी करनी है वैसा ही तूं फल पाए