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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Ek na ekdin ye hoga mot akar ke lori sunaye,nirgun bhajan

एक ना एक दिन तो ये होगा मौत आकर के लोरी सुनाए

तर्ज,इतनी शक्ति हमे देना दाता

एक ना एकदीन तो ये होगा प्राणी, मौत आकर के लोरी सुनाए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तूं जगाने से भी न जगेगा,नींद ऐसी तुझे गहरी आए।

तेरी हस्ती को जिसने मिटाया,वो भी आकर के मातम मनाए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जिसने गर्दिश में तुझको गिराया,वो भी झुककर के तुझको उठाए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरा दम टूटते ही है प्राणी,तेरे अपनों का मोह टूट जाए। तूं जगाने….

रोज पलकों पे तुझको बिठाए,बाद तूझसे वो आंखे चुराए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरी सूरत जिन्हे लगती प्यारी,भूत बनके उन्हें तूं डराए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आंखे फेरेगा जिस दिन जहां से,ये जहां तुझसे मुंह फेर जाए। तूं जगाने…

तेरे जीते के साथी है सारे,कोई मरके नही संग जाता।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तूं अकेला ही उस दरपे जाए,तेरे कर्मों का लेकर के खाता।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 अरे खुदगर्ज है ये जमाना,पाप और पुण्य ही साथ जाए। तूं जगाने..

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