तर्ज,ये मेरे दिले नादान
जैसी तेरी करनी है वैसा ही तूं फल पाए। तेरे पाप पुण्य रब के खाते में लिखे जाए।
क्या याचक क्या ज्ञानी,क्या राजा क्या रानी।हम सबके कर्मों की गाथा है लिखी जानी।उसकी नजरों से भला,क्या कोई बच पाए।जैसी..
जितनी जिसकी चादर,उतना ही वो पाता है। ना किसीको कम देता,ना किसीको ज्यादा है।इंसाफ के पलड़े में,तेरे कर्म तूले जाए।जैसी..
ये बंदे तेरी करनी,ज्यादा गुमनाम नही। तूं कितना छुपाएगा, दो आंखे देख रही। तूं अच्छे करम करले,क्यूं इतना भरमाए।जैसी…