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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Dhal jayegi umar,nirgun bhajan,ढल जायेगी उमर धीरे धीरे

ढल जायेगी उमर धीरे धीरे

ढल जायेगी उमर धीरे धीरे।झुक जायेगी कमर धीरे धीरे।

जीवन तेरा एक बर्फ का ढेला। पिघलेगी पहर धीरे धीरे। ढल जायेगी उमर धीरे धीरे।झुक जायेगी कमर धीरे धीरे।

तृष्णा कभी तेरी पूरी न होगी। खतम होगा सफर धीरे धीरे।ढल जायेगी उमर धीरे धीरे।झुक जायेगी कमर धीरे धीरे।

बंदे यहां कुछ करले ऐसा सुधरेगी उमर धीरे धीरे। ढल जायेगी उमर धीरे धीरे।झुक जायेगी कमर धीरे धीरे।

दो दिनका योबन, पीछे बुढ़ापा। मंदी पड़ेगी नजर धीरे धीरे।ढल जायेगी उमर धीरे धीरे।झुक जायेगी कमर धीरे धीरे।

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