तर्ज,दुनिया बनाने वाले
दुनिया बनाने वाले, वाह रे तेरी माया। तेरा, पार कोई ना पाया। तेरा, पार कोई न पाया।
कोयल को काहै तूने, काला बनाया। बगुले को उजले, रंग में रंगाया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 काहे किया रे रत्नाकर को खारा।कोई न समझे यह,खेल तुम्हारा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 क्या क्या बताएं कैसी, लीला तू करता आया। तेरा, पार कोई न पाया। दुनिया बनाने वाले….
काबुल देश में मेवे उपजाए। खट्टे करिर तूने, बृज में उगाए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ब्राह्मण को तूने बनाया भिकारी। अनपढ़ को दुनिया की दौलत दी सारी।🌹🌹🌹🌹🌹 उल्टे को सीधा और, सीधे को उल्टा बनाया। तेरा, पार न कोई पाया। दुनिया बनाने वाले…
दुनिया में माया तूने, इतनी है डाली। पाप बढ़ाया और, धर्म है खाली।🌹🌹🌹🌹🌹 भक्ति की सुगंध फैले नहीं जैसे, हिरण की नाभि में कस्तूरी डाली।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 भगवान तुम्हारी महिमा, कोई भी जान ना पाया। तेरा, पार न कोई पाया। दुनिया बनाने वाले….