तर्ज,मन डोले मेरा तन डोले
एकबार भला मुस्काते चलो, श्री राम जनक भगवान हो,सिया राम लखन हनुमान जी।
जनकपुरी में जाकर प्रभु जी, शिव के धनुष को तोड़ा।धनुष तोड़कर प्रभुजी तुमने, सिया संग नाता जोड़ा। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺प्रभु जी सिया संग नाता जोड़ा। मन बसिया बोले सब सखियां, है सुंदर वर श्री राम जी,सिया राम लखन हनुमान जी।
एकबार भला मुस्काते चलो, श्री राम जनक भगवान हो,सिया राम लखन हनुमान जी।
माता केकेई के कारण प्रभु जी, वन को आप सिधारे। गौतम नारी अहिल्या को तुम, जाते-जाते तारे, प्रभु जी जाते-जाते तारे।🌺🌺 उस पार चला,दिल मिल ही गया,वो पंचवटी के द्वार हो,सिया राम लखन हनुमान जी।
एकबार भला मुस्काते चलो, श्री राम जनक भगवान हो,सिया राम लखन हनुमान जी।
भेष बदल के रावण ने आ, सीता जी को चुराया।हनुमान लंका में जाकर उसका पता लगाया।हो बाबा उसका पता लगाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺जल लांघ लिया,संग्राम किया, श्री पवन पुत्र हनुमान ने, सिया राम लखन हनुमान जी।
एकबार भला मुस्काते चलो, श्री राम जनक भगवान हो,सिया राम लखन हनुमान जी।