तर्ज, हाय शरमाऊं किस
डमरु बजाए अंग भस्मी रमाए और ध्यान लगाए किसका। न जाने ओ डमरू वाला। न जाने ओ डमरू वाला।
सब देवों में२। सब देवों में है, वो देव निराला। न जाने ओ डमरू वाला।
मस्तक पर चंदा, जिसकी जटा में है गंगा। रहती पार्वती संग में, सवारी है बूढ़ा नंदी।कैलाशी है,अविनाशी, पहने सर्पों की माला।🌙न जाने ओ डमरू वाला। न जाने ओ डमरू वाला।
बाघम्बर धारी, शिव भोला त्रिपुरारी। रहता मस्त सदा, जिसकी महिमा है भारी।🌙🌙🌙 भोला भाला, है मतवाला, पीवे भांग का प्याला।न जाने ओ डमरू वाला। न जाने ओ डमरू वाला।
ताराचंद गाये, शिव शंभू को ध्यावे।🌙🌙🌙 जो भी मांगे सो पावे, दर से खाली ना जाए। बड़ा है दानी, बड़ा है ज्ञानी, सारे जग का रखवाला।न जाने ओ डमरू वाला। न जाने ओ डमरू वाला।