बजरंगी तुझे मनाऊ सिंदूर लगा लगा के।
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आया है कार्तिक मास दीप तुलसा में जलाऊंगी।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
मैया ओढ़ चुनरिया लाल हमारे घर आ जाना।
खोलो हृदय के ताले माँ लक्ष्मी मेरा भाग लिख दो।
अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
देखो राजा बने महाराज,आज राम राजा बने,
देखो राजा बनाए जाएंगे, हमारे राम राजा बनाए जाएंगे।
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
एक दिन घोघड आसी रे।
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