मुरली बाज रही मधुबन में, टूटा शिव शंकर का ध्यान
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जागे नाहीं भोला जगाऊं कैसे। माने नाहीं भोला मनाऊं कैसे।
भोले को कैसे मैं मनाऊं रे, मेरा भोला ना माने।
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो
भोले बाबा न जागे जगाय हारी
साथी हमारा कौन बनेगा,तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा।
ग्यारस को दिन आयो, बलम मोहे मंदिर तो जाने दे।
ना झटको शीश से गंगा हमारी गौरा भीग जाएगी
शंकर जी है भोले भाले, जटा के बाल काले,गले में नाग डाले है।
बहु भोजन ना करूं मैं आज, आज मेरे ग्यारस है।
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