साथी हमारा कौन बनेगा,तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा।
आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाये।🌺🌺🌺
ज़िन्दगी के ग़मो की, विदाई हो जाए।
एक नज़र कृपा की डालो, मानूंगा एहसान।
संकट हमारा कैसे टलेगा,तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा।
सुना है हमने सभी से, खिवैया एक ही है।
ढूंढ लो सारी दुनिया, कन्हैया एक ही है।
अबकी अबकी पार लगा दो, मानूंगा एहसान। तेरा मानूंगा एहसान।हम को किनारा कैसे मिलेगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा
पानी है सर से ऊपर, मुसीबत अड़ गयी है।
आज हमको तुम्हारी, ज़रूरत पड़ गयी है।
अपने हाथ से हाथ पकड़ लो, मानूंगा एहसान। तेरा मानूंगा एहसान।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
साथ हमारे कौन चलेगा।तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा।
पाप की गठरी सर पे, लाद के आया हू।
बोझ कुछ हल्का कर दे, उठा न पाया हू।
धर्म की राह बता बनवारी, हो जाए कल्याण। मेरा हो जाये कल्याण।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इसमें तुम्हारा कुछ ना घटेगा।तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा।