संकट हरलो बाहों में भरलो,आओ दीनानाथ,बता क्या देरी है।
Tag: Gyaras ko din aayo balam mohe
ग्यारस को दिन आयो, बलम मोहे मंदिर तो जाने दे।
बहु भोजन ना करूं मैं आज, आज मेरे ग्यारस है।
मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।
एकादशी सब व्रतों में बड़ी है