तर्ज,गाड़ी वाले
संकट हरलो बाहों में भरलो,आओ दीनानाथ,बता क्या देरी है।
आ जाओ प्रभु आ जाओ,देर भला क्यों करते हो।बालक तेरे बिलखते हैं,ध्यान तुम्हारा धरते हैं।सिर पे उनके हाथ फिरा दो,कर दो बेड़ा पार,बता क्या देरी है।
संकट हरलो बाहों में भरलो,आओ दीनानाथ,बता क्या देरी है।
कैसा संकट आया है,हर प्राणी घबराया है।कैसी तेरी माया है,जग सारा भरमाया है।🌺🌺🌺अब तो अपने हाथ उठाओ,आन पड़ा हूं द्वार,बता क्या देरी है।
संकट हरलो बाहों में भरलो,आओ दीनानाथ,बता क्या देरी है।
श्याम के चाहनेवालों को,और कोई दरकार नहीं।तूं ही सहारा है उनका,और कोई सरकार नहीं।भक्तों की बस यही विनती,रख लो उनकी लाज,बता क्या देरी है।
संकट हरलो बाहों में भरलो,आओ दीनानाथ,बता क्या देरी है।