मैं तेरी पतंग सांवरे तेरे हथ डोर,
Category: विविध भजन
यहाँ वहा मत डोल, प्राणी हरि हरि बोल,
कर हरि सुमिरन, हरि मिल जाएंगे ।।
तेरा हाथ है जो सर पर,
मुझको फिर किस बात का डर,
ये धन दौलत दुनिया की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा,
आंधा लूला करणी रा हीना, मत कर जोर जबराई,
ओर कहीं ना जायें, ओर कहीं ना जायें,
बृज़ रजधानी छोड़ कर, ओर कहीं ना जाये…..
मेरी रंग दे चुनरिया राम रंग में,
राम रंग में सियाराम रंग में,
मेरे अंगना में आए भगवान प्रेम रंग बरस रहा,
कहाँ से आया कहाँ जाओगे
खबर करो अपने तन की
मारा भेरू खजुरिया वाला वो, थाने जातरी बुलावे।
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