ये धन दौलत दुनिया की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा, संग में ना कुछ भी जाएगा, महल दो महले कोई बनाए, साथ कोई कुछ ना ले जाए, फिर ये मनवा क्यों ललचाए,
ये शान शौकत, ये धन दौलत दुनियाँ की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा, संग में ना कुछ भी जाएगा।
ललचाए ये जग सारा, माया के फेरे में, हर कोई खो गया, लोभों में खो गया है, लालच के घेरे में, लोभ मोह से क्या होना है, चैन सदा मन का खोना है, कुछ तो सोचो ना, धन चंचल है माया ठगनी,कुछ ता साचा ना, धन चंचल है माया ठगनी, एक जगह ये कभी ना रहनी, ये तो आती जाती रहनी, ये धन दौलत दुनियाँ की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा, संग में ना कुछ भी जाएगा।
धन से सुख मिल जाए, ना मन का चैन मिले, मन में संतोष हो तो, मन को भी चैन आए, जीवन ये सुख से कटे, माया तो मन का है बंधन, मन के चैन के ना ये साधन, कुछ तो सोचो ना, अगर सदा सुख से रहना, माया के बंधन से बचना, नेक राह जीवन में चलना, ये धन दौलत दुनियाँ की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा,
ये धन दौलत दुनिया की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा, संग में ना कुछ भी जाएगा, महल दो महले कोई बनाए, साथ कोई कुछ ना ले जाए, फिर ये मनवा क्यों ललचाए,