तर्ज – तेरा मेरा प्यार अमर ।
तेरा हाथ है जो सर पर,
मुझको फिर किस बात का डर, यूँ ही अपना हाथ सदा, बाबा रखना मेरे सर पर, तेरा हाथ हैं जो सर पर, मुझको फिर किस बात का डर ।।
मेरा श्याम हर घड़ी,
कोई फ़िक्र मुझको नहीं, ना ही डर की बात है, रहता मेरे साथ है, मुझको फिर किस बात का डर, यूँ ही अपना हाथ सदा,
पल रखता मेरी खबर,बाबा रखना मेरे सर पर,
तेरा हाथ हैं जो सर पर,मुझको फिर किस बात का डर ।।
ख्वाइश मन की मेरी, हो गयी पूरी सभी, दिल में अब कोई मेरे, आरजू बाकी नहीं, श्याम अब है मेरा हमसफर, मुझको फिर किस बात का डर, यूँ ही अपना हाथ सदा, बाबा रखना मेरे सर पर, तेरा हाथ हैं जो सर पर,
मुझको फिर किस बात का डर ।।
श्याम की चौखट मिली, मिल गई है हर ख़ुशी, श्याम के हाथो में ही, सौप दी है जिंदगी, ‘शर्मा’ का पूरा हुआ है सफर, मुझको फिर किस बात का डर, यूँ ही अपना हाथ सदा, बाबा रखना मेरे सर पर, तेरा हाथ हैं जो सर पर,
मुझको फिर किस बात का डर ।।
तेरा हाथ है जो सर पर,
मुझको फिर किस बात का डर, यूँ ही अपना हाथ सदा, बाबा रखना मेरे सर पर, तेरा हाथ हैं जो सर पर, मुझको फिर किस बात का डर ।।